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Punjab: सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मेडिकल कॉलेजों में 400 नर्सों व 140 टेक्नीशियनों की भर्ती के दिए आदेश

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पंजाब (Punjab) में कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने शुक्रवार को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 400 नर्सों और 140 टेक्नीशियनों की तत्काल भर्ती करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में मेडिकल कॉलेजों के स्वीकृत व प्रगति अधीन प्रोजेक्टों में तेज़ी लाने के निर्देश दिए, जिससे मेडिकल के बुनियादी ढांचे के विकास में पंजाब पीछे न रहे। मुख्यमंत्री जिन्होंने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग के दौरान मुद्दे को उठाया था, ने कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पंजाब में नागरिकों को कोविड बेड मुहैया करवाने के लिए मिलिटरी अस्पतालों और पीजीआई सेटेलाइट सेंटरों को हिदायतें देने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए अस्थायी ढांचे का प्रयोग किया जा सकता है।

मेडिकल शिक्षा और खोज विभाग के कामकाज खासकर कोविड के संकट के संबंध में इसका वर्चुअल तौर पर जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के फेकल्टी सदस्यों को पुन: मनोनीत करने के लिए समयबद्ध ढंग से नियमों में संशोधन करने की मंजूरी दे दी ,है जिससे उनको इस संबंध में अपने दूसरे फेकल्टी सदस्यों के बराबर लाया जा सके। भर्ती मुहिम के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के पुनर्गठन के बाद स्वीकृत 900 पदों में से पहले पड़ाव में नर्सों की सेवाएं लेने के लिए 400 पद तुरंत भरे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक्नीशियनों की सेवाओं के लिए उनको बनती महत्ता देनी चाहिए, जो पहले ही पंजाब सरकार के पास ठेके के आधार पर काम कर रहे हैं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओपी सोनी ने मोहाली, होशियारपुर और कपूरथला में बनने वाले विभिन्न अस्पताल और मेडिकल कालेजों बारे विस्तार में जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकारी की मंजूरी से मलेरकोटला और गुरदासपुर में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए भी यत्न किए जा रहे हैं। संगरूर में पीजीआई सेटेलाइट सेंटर भी शुरू हो जाएगा, जबकि फिरोजपुर में पीजीआई के सेटेलाइट सेंटर का निर्माण शुरू किया जा चुका है। मोहाली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की स्थापना करने के लिए आईसीएमआर, नई दिल्ली से हाल ही में मंजूरी प्राप्त हुई है।

इस समय राज्य में दो यूनिवर्सिटियां बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसिस, फरीदकोट और गुरु रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, होशियारपुर हैं। इसके अलावा तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज, दो सरकारी डेंटल कॉलेज और एक सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज और 12 नर्सिंंग स्कूल व कॉलेज हैं। इसी तरह अलग-अलग डॉक्टरों, फार्मासिस्टों और नर्सों की रजिस्ट्रेशन के लिए छह कौंसिलें हैं। नेशनल मेडिकल कमिशन, डैंटल कौंसिल ऑफ इंडिया और सेंट्रल मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडियन मेडिसन के नए नियमों के मद्देनजर विभाग का पहले ही पुनर्गठन किया गया है। 2020-21 में 550 करोड़ रुपये के बजट को बढ़ा कर मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 1008 करोड़ रुपये किया गया है।

पिछले एक साल के दौरान कोविड महामारी के मद्देनजर विभाग द्वारा की पहलकदमियों संबंधी बात करते हुए मंत्री ने कहा कि तीन सरकारी मेडिकल कालेजों में 1498 आइसोलेशन बेड मुहैया करवाए गए, जिनमें से 361 आईसीयू बेड हैं। इसके इलावा 7 वीआरडीएल लैबों में अब रोजमर्रा के 35,000 आरटी -पीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं और अब तक लगभग 54 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं। तीन मेडिकल कालेजों में प्लाज्मा बैंक भी स्थापित किए गए हैं। अब तक सरकारी मेडिकल कालेजों में 14,000 से अधिक कोविड मरीजों का इलाज किया जा चुका है और रिश्तेदारों/वारिसों को सूचित करने के लिए अटेंडेंट मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। मरीजों के लिए पोस्ट कोविड मल्टीसपैशलिटी ओपीडी शुरू की गई और कोविड महामारी के दौरान डायलसिस मरीजों और गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए प्रबंध किए गए हैं। टेकनीशियन, नर्सें और एमटीडब्ल्यू समेत कुल 1095 अतिरिक्त स्टाफ की सेवाएं ली गई। ऑक्सीजन के उचित प्रयोग के लिए तीन सरकारी मेडिकल कालेजों में ऑक्सीजन आडिट शुरू किया गया है और इसकी सप्लाई को यकीनी बनाने के लिए यत्न किए जा रहे हैं। मीटिंग के दौरान बताया गया कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी की तरफ से नई पारदर्शी परीक्षा प्रणाली शुरू की गई, जिसकी भारत सरकार के राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड ने भी सराहना की।

मेडिकल शिक्षा के सचिव ने बताया कि सरकारी मेडिकल कालेज, अमृतसर में 206.86 करोड़ रुपये की लागत वाले चल रहे प्रोजेक्ट इस साल मुकम्मल किए जाएंगे और 134.64 करोड़ रुपये के नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। इसी तरह पटियाला में 97.73 करोड़ रुपये की लागत वाले चल रहे प्रोजेक्ट मुकम्मल किए जाएंगे और 128.1 करोड़ रुपये की लागत वाले नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। फरीदकोट में 75.4 करोड़ रुपये की लागत वाले चल रहे प्रोजेक्ट मुकम्मल हो जाएंगे और 44.28 करोड़ रुपये के नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। साल 2017 से विभाग की तरफ से कुल 2254 फेकल्टी सदस्यों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती की गई और साल 2020 में अधिक से अधिक 1237 भर्ती की गई। इसके अलावा सरकारी मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या साल 2017 में 500 के मुकाबले साल 2021 में बढ़ा कर 700 की गई। इसके अलावा एमडी/एमएस की सीटों की संख्या 2017 में 242 से बढ़ा कर 2021 में 395 की गई। सुपर स्पैशलिटी कोर्स के लिए 2 एमसीएच सीटें शुरू कर दी गई हैं। 20 साल के अंतराल के बाद सरकारी आयुर्वैदिक कालेज, पटियाला में एमडी कोर्स शुरू किए गए और गुरु रविदास आयुर्वेद यूनिवर्सिटी, होशियारपुर में पीएचडी कोर्स शुरू किए गए। साल 2017 के मुकाबले 2021 में डॉक्टरों और फार्मासिस्टों की रजिस्ट्रेशन में भी काफी विस्तार किया गया है। घर-घर रोजगार योजना के अधीन भर्ती के लिए कुल 726 पद मंजूर किए गए। विभाग की तरफ से अलग-अलग श्रेणियों के अधीन साल 2017 में 194 नियुक्तियां की गईं, जबकि 2018 में 217, 2019 में 399 और 2020 में 1236 नियुक्तियां की गईं।
(पंजाब से अशोक कौड़ा की रिपोर्ट)

 

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