राजस्थान में उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले में सोमवार को मॉब लिंचिंग के दौरान मध्य प्रदेश के एक युवक की पीट-पीटकर हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गौतस्करी की आशंका से उग्र ग्रामीणों ने एक अन्य युवक के साथ भी मारपीट की, उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। घटना को पुलिस और प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। उदयपुर के पुलिस महानिरीक्षक सत्यवीर सिंह, चित्तौड़गढ़ के पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव तथा जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा मौके पर बने हुए हैं। अभी तक आठ लोगों के हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिली है और उनसे पूछताछ जारी है।
बताया गया कि घटना चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं थाना क्षेत्र की है। जहां से मध्य प्रदेश के दो युवक कृषि कार्य के बैल लेकर पिकअप से सोमवार को अपने गांव लौट रहे थे। ग्रामीणों को लगा कि वह गौवंश की तस्करी कर रहे हैं और बेगूं क्षेत्र के बिलखंडा चौराहे पर दस-पंद्रह ग्रामीणों ने उनकी पिकअप को रुकवाया तथा उसमें सवार दोनों युवकों से मारपीट शुरू कर दी। गौवंश की तस्करी की आशंका से उग्र ग्रामीणों ने उनकी एक नहीं सुनी, बल्कि उनसे मारपीट जारी रखी। घटना की सूचना पर बेगूं चौकी से जाब्ता मौके पर गया और उन्होंने दोनों युवकों को ग्रामीणों के चंगुल से बचाया।
चौकी प्रभारी एएसआई रणजीत सिंह ने बताया कि उस समय दोनों युवकों की हालत गंभीर थी और तत्काल उन्हें बेगूं के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरी की हालत गंभीर बताई गई। उन्होंने बताया कि दोनों युवक मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के हैं। जिस युवक की मौत हो गई उसकी पहचान पेटलाबद निवासी बाबू भील के रूप में हुई है जबकि दूसरा रताम्या निवासी पिंटू है। पिंटू की ओर से पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ हत्या तथा मारपीट का मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले में अभी तक आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।
उधर, घटना की गंभीरता को देखते हुए चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, रावतभाटा की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तृप्ति विजयवर्गीय भी मौके पर पहुंचे। उदयपुर से रैंज के पुलिस महानिरीक्षक सत्यवीरसिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। (एसजेएनएन)