अफगानिस्तान पर यूएनएससी की आपातकालीन बैठक के दौरान भारत के राजदूत टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय है। अफगानिस्तान में पुरुष, महिलाएं और बच्चे डर के साए में जी रहे हैं। वे सभी लोग अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट होः संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान फिर से आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित स्थान ना बन जाए।
तालिबान के साथ ‘मैत्रीपूर्ण संबंध’ विकसित करना चाहता है चीन
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, चीन का कहना है कि वह अफगानिस्तान के तालिबान के साथ ‘मैत्रीपूर्ण संबंध’ विकसित करना चाहता है।
हमारी 20 साल की मेहनत पलक झपकते ही खत्म हो जाएगीः जारा
भारत में काम कर रही अफगानिस्तानी नागरिक जारा ने कहा कि मैंने अपनी जिंदगी में कभी इतना असहाय, मजबूर और निराश महसूस नहीं किया। मैं जानती हूं कि तालिबान के लोग कैसे हैं। हमारी 20 साल की मेहनत पलक झपकते ही खत्म हो जाएगी। मेरे काफी दोस्त अभी भी अफगानिस्तान में हैं, जो डरे हुऐ हैं।
रणदीप सिंह सुरजेवाला बोले, मोदी सरकार की चुप्पी चिंताजनक
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति बहुत खतरनाक मोड़ लिए है। भारत के सामरिक हित अफगानिस्तान के मामले में दांव पर लगे हैं। हमारे राजदूतों, हमारे नागरिकों की सुरक्षा दांव पर है। हम भारत सरकार से एक परिपक्व रणनीतिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करते हैं। उनके मुताबिक, नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की चुप्पी चिंताजनक और रहस्यमय है। प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को सामने आकर बताना चाहिए कि हमारे राजदूत और नागरिक किस प्रकार से सुरक्षित वापस आएंगे और अफगानिस्तान के साथ हमारे भविष्य की रणनीति क्या होगी। (एएनआई)