मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को कुलदेवी का पूजन करने अपने गृह गांव जैत पहुंचे। इस दौरान लोगों से पानी की समस्या की मिली शिकायत पर उन्होंने अधिकारियों को फटकारते हुए कहा कि क्या कर रहे हो, मेरे गांव में ही पानी नहीं पहुंच रहा। यह किसका काम है, मेरा काम है क्या? 15 दिन बाद पूछूंगा, यदि एक भी शिकायत मिली तो तुम नहीं रहोगे। मैं एक-एक टोंटी देखूंगा। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही निराकरण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने पेयजल की शिकायत पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिशासी अभियंता एमसी अहिरवार को कड़ी फटकार लगाई। मुख्यमंत्री जब नर्मदा नदी के तट पर पूजा करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने धीमी गति से घाट निर्माण किए जाने की शिकायत की। उन्होंने घाटों का निरीक्षण करते हुए निर्माण कार्य में हो रही लेटलतीफी पर नाराजगी जाहिर की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि इतनी लेटलतीफी ठीक नहीं है। तय समय में गुणवत्तापूर्ण कार्य कराया जाए।
शिवराज ने कहा कि लगभग सवा साल पहले नर्मदा मैया में आई भयानक बाढ़ में क्षेत्र के लगभग 44 गांव बुरी तरह से डूब गए थे। मुझे इस बात का संतोष है कि बाढ़ में नुकसान जरूर हुआ था लेकिन हमने किसी की जान नहीं जाने दी। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया। बाढ़ में फसलों का नुकसान हुआ और साथ ही घर भी तबाह हो गए थे तो इसलिए जरूरी था कि मकान फिर से बनें। 600 से ज़्यादा हमने मकान स्वीकृत किए थे और आज 400 से ज़्यादा मकान पूरी तरह से बनकर तैयार हो गए हैं। (एजेंसियां)