बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े क्रूज ड्रग्स मामले समेत कई मामलों की जांच के लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की विशेष जांच टीम शनिवार को मुंबई पहुंच गई। इन मामलों की जांच शुक्रवार को ही एनसीबी के जोनल डाइरेक्टर समीर वानखेड़े से वापस ली गई थी। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली से आई इस विशेष टीम ने दोपहर बाद एनसीबी के जोनल आफिस जाकर इन मामलों के बारे में जानकारी ली। इस जांच टीम का नेतृत्व एनसीबी मुख्यालय में उप महानिदेशक व वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी संजय सिंह कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि हमने कुछ मामलों को हाथ में लेकर उनकी जांच शुरू कर दी है।
जारी रहेगी जांचः संजय सिंह
यह पूछे जाने पर कि वे क्या इन मामलों की नए सिरे जांच करेंगे। संजय सिंह ने कहा कि मैं पहले इन मामलों का केस रिकार्ड देखूंगा इसके बाद तय करूंगा। फिलहाल इन मामलों में आगे की जांच जारी रहेगी। एनसीबी ने शुक्रवार को कहा था कि विशेष जांच टीम (एसआइटी) राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले छह मामलों की गहराई से जांच करेगी। यह टीम इन मामलों में आगे-पीछे की सभी कड़ियों की पड़ताल करेगी। इस मामले में समीर वानखेड़े ने शुक्रवार को कहा था कि वे इन मामलों की जांच में शामिल नहीं रहेंगे लेकिन जोनल डाइरेक्टर की हैसियत से वे इनकी निगरानी करेंगे और उनकी भूमिका यथावत रहेगी।
नवाब मलिक ने कही ये बात
राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि इस जांच में कई गड़े मुर्दे सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने आर्यन खान के ‘अपहरण’ के मामले में समीर दाउद वानखेड़े के खिलाफ एसआइटी जांच की मांग की थी। इस मामले में राज्य और केंद्र सरकार दोनों एसआइटी जांच करा रही हैं। अब देखना है कि कौन सी टीम वानखेड़े और उनके गुर्गो के कारनामों से पर्दा हटा पाती है।
जानें, क्या है मामला
एनसीबी ने पिछले महीने क्रूज ड्रग्स मामले में फिल्म अभिनेता शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान और करीब 19 और लोगों को गिरफ्तार किया था। बाद में वानखेड़े के खिलाफ इस मामले में वसूली का आरोप लगने पर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई। समीर वानखेड़े ने इस मामले किसी तरह का गलत काम करने से इन्कार किया है। इस मामले में आर्यन को 30 अक्टूबर को रिहाई मिल गई थी।
जानें, कौन हैं संजय सिंह
1996 बैच के आइपीएस संजय सिंह ओडिशा कैडर के तेजतर्रार अधिकारी रहे हैं। ओडिशा में विभिन्न पदों पर रहने के दौरान उन्होंने राज्य में ड्रग्स के कारोबार के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया था। वे भुवनेश्वर के पुलिस कमिश्नर भी रहे हैं। सीबीआइ में काम करते हुए उन्होंने राष्ट्रमंडल घोटाला, सीआरपीएफ भर्ती घोटाला और मेडिकल काउंसिल घोटाले की भी जांच की है। एनसीबी में वे फिलहाल 31 जनवरी 2025 तक अपनी सेवाएं देंगे। (एजेंसियां)