कोरोना संकट की वजह से प्राइवेट स्कूलों में वर्तमान शैक्षिक सत्र 2021-22 में भी फीस बढ़ोतरी नहीं होगी। निजी स्कूल वर्ष 2019-20 में निर्धारित की गई फीस ही ले सकेंगे। अगर उन्होंने विद्यार्थियों से शुल्क बढ़ाकर वसूल लिया है तो उसे आगे के शुल्क में समायोजित करेंगे। यूपी के उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने निर्देश दिए कि कोई भी स्कूल अभिभावक को एक साथ तीन महीने का शुल्क जमा करने के लिए बाध्य नहीं करेगा। उन्हें मासिक शुल्क जमा करने का विकल्प दिया जाएगा।
दिए ये आदेश
अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) आराधना शुक्ला की ओर से वीरवार को इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया। सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए कि वे स्कूलों द्वारा ज्यादा फीस वसूलने की शिकायत पर कड़ी कार्रवाई करें। फिलहाल स्कूल बंद हैं और ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। ऐसे में अभिभावकों से परिवहन शुल्क भी नहीं लिया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण बीते साल वर्ष 2020-21 में भी निजी स्कूलों में फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी गई थी। फीस नहीं बढ़ाए जाने का यह आदेश प्रदेश में सभी बोर्डों के सभी स्कूलों पर लागू होगा।
ये शुल्क नहीं भी ले सकेंगे
स्कूलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि जब तक विद्यालय परिसर में भौतिक रूप से उपस्थित होकर विद्यार्थी परीक्षा नहीं दे, तब तक उससे परीक्षा शुल्क न वसूला जाए। ऑनलाइन परीक्षा के नाम पर शुल्क वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विद्यालय बंद रहने की अवधि में अभिभावकों से क्रीड़ा, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी और वार्षिक समारोह का शुल्क भी नहीं ले सकेंगे।
इन्हें देना होगा वेतन
निजी स्कूल विद्यार्थियों से तो शुल्क वसूल रहे हैं, लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन देने में आनाकानी कर रहे हैं। स्कूलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह शिक्षक व कर्मचारियों को नियमित वेतन दें। (एजेंसियां)