कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने सदस्यों को सात लाख रुपये का जीवन बीमा की भी देता है। ईपीएफओ अपने सभी सदस्यों को यह सुविधा देता है। अगर किसी ईपीएफओ सदस्य की अकाल मौत हो जाती है तो नॉमिनी लाइफ इंश्योरेंस की राशि को क्लेम कर सकता है। कोरोना से मौत होने पर भी इसका लाभ मिल सकता है। ईपीएफओ सदस्य को बीमा कवर की यह सुविधा एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआईएस) के तहत दी जाती है। इस स्कीम के तहत सदस्य की मौत होने पर नॉमिनी को अधिकतम सात लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर के तहत भुगतान किया जा सकता है।
ऐसे तय होती है बीमा की रकम
किसी कर्मचारी की मौत होने पर नॉमिनी को पिछले 12 माह की औसत सैलरी की 20 गुना राशि, 20 फीसदी बोनस के साथ मिलती है। जैसे मौजूदा समय में 15000 रुपये की बेसिक इनकम की सीलिंग के मुताबिक अधिकतम राशि 3.60 लाख रुपये बनती है।
ऐसे मिलेगा लाभ
पीएफ खाताधारक की मौत होने की स्थिति में अकाउंट का नॉमिनी इंश्योरेंस की राशि के लिए क्लेम कर सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक जानकारी देने की आवश्यकता होती है। अगर पीएफ खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह अमाउंट क्लेम कर सकता है। पीएफ खाते से पैसा निकालने के लिए एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ इंश्योरेंस कवर का फॉर्म भी जमा कर दें। इस फॉर्म को एंप्लॉयर सत्यापित करता है। इसका भुगतान 30 दिनों के अंदर ईपीएफओ द्वारा बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है।
नौकरी के दौरान मौत होने पर ही मिलता है क्लेम
पीएफ खाते पर होने वाले इस इंश्योरेंस का दावा सिर्फ तभी किया जा सकता है, जब पीएफ खाताधारक की अकाल मौत नौकरी के दौरान हुई हो। इस दौरान चाहे वह ऑफिस में काम कर रहा हो या छुट्टी पर हो। (एसजेएनएन)
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