वाशिंगटन, एजेंसियां। अपने बीमार पिता को साइकिल से 12 सौ किली लेकर पहुंची बिहार की बेटी ज्योति की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी व व्हाइट हाउस की वरिष्ठ सलाहकार इवांका ट्रंप भी मुरीद हो गई हैं। उन्होंने ट्विटर पर उसकी कहानी को शेयर करते हुए उसके द्वारा किए गए कार्य को धीरज व प्रेम का सुंदर पराक्रम करार दिया है।
ज्योति व उसके पिता हरियाणा के गुरुग्राम में रहते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान पिता मोहन पासवान एक दुर्घटना में घायल हो गए थे, जिससे वह घर जाने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में बेटी ज्योति 10 मई को गुरुग्राम से पिता को साइकिल पर बैठाकर 12 सौ किमी दूर बिहार के दरभंगा रवाना हुई और 16 मई को घर पहुंची।
इवांका ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट में लिखा कि 15 साल की ज्योति कुमारी घायल पिता को साइकिल पर बैठाकर सात दिनों में 1,200 किमी का सफर तय करके गांव पहुंची। धीरज और प्यार के इस सुंदर पराक्रम ने भारतीयों और साइकलिंग फेडरेशन का ध्यान खींचा है।
दरभंगा के कमतौल क्षेत्र के सिरहुल्ली गांव निवासी ज्योति के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मां फूलो देवी आंगनबाड़ी में सहायिका हैं। पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर की ज्योति पैसे के अभाव में आठवीं की पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुकी है। हालांकि बीमार पिता को घर लाने के बाद भारतीय साइकलिंग फेडरेशन (सीएफआइ) ने उसे ट्रायल के लिए आमंत्रित किया है।
सीएफआइ के अध्यक्ष ओंकार सिंह के मुताबिक, अगर ज्योति ट्रायल पास कर लेती है तो उसे दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम परिसर में अत्याधुनिक नेशनल साइकलिंग अकादमी में प्रशिक्षु के रूप में चुना जाएगा। सीएफआइ के आमंत्रण पर ज्योति का कहना है कि उसने साइकलिंग के बारे में कभी सोचा नहीं था, लेकिन अब इसके लिए पूरी मेहनत करेगी।