महाराष्ट्र में मुंबई के आजाद मैदान के बाहर फुटपाथ पर रहने वाली 17 साल की लड़की आस्मा शेख ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 40 फीसदी अंक हासिल किए हैं। आस्मा के मुताबिक, मेरे परिवार ने मेरी शिक्षा का समर्थन किया। बुनियादी सुविधाओं के अभाव में उन्होंने मुझे अपनी मदद करने की कोशिश की।
महाराष्ट्र राज्य बोर्ड द्वारा इस वर्ष के माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र (एसएससी) यानी दसवीं की परीक्षा में फुटपाथ पर रहने वाली आस्मा ने 40 फीसदी अंक हासिल किए हैं। बुधवार को रिजल्ट घोषित किया गया था। आस्मा ने कहा कि मैं पढ़ाई करने में सक्षम होने के लिए बहुत मेहनत कर रही हूं। मैं रात में भी स्ट्रीट लाइट का उपयोग कर सकती हूं। मैंने आमतौर पर रात में पढ़ाई की, क्योंकि उस समय कम भीड़ होती थी।
यह पूछे जाने पर कि बारिश के मौसम में वह कैसे अध्ययन करने में सफल रही तो आस्मा शेख ने कहा कि बारिश के मौसम में पढ़ाई करना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन मेरे पिता इसके लिए प्लास्टिक शेड बनाते थे। उसने कहा कि वह जो स्कोर करने में कामयाब रही उससे ज्यादा पाने की उम्मीद कर रही थी। आस्मा ने कहा कि मैं 40 फीसद से अधिक अंक प्राप्त करने की उम्मीद कर रही थी। लेकिन मैं अपने अंकों से खुश हूं। वह आर्ट्स में आगे की पढ़ाई करना चाहती है। उसने कहा कि मुझे किसी भी कॉलेज में दाखिला लेने में खुशी होगी और बहुत से लोग मेरी मदद के लिए आगे आए हैं। मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए लोग प्रोत्साहित कर रहे हैं।
आस्मा के पिता सलीम शेख ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरी बेटी ने 40 फीसद अंक हासिल किए हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है। मैंने केवल पहली तक ही पढ़ाई की थी। यहां फुटपाथ पर रहने वाले लोग शायद ही पढ़ते हैं। सलीम के पास कोई निश्चित नियमित रोजगार नहीं है। वह मुंबई की सड़कों पर जूस, मक्का आदि बेचकर परिवार का पालन करते हैं। उनका कहना है कि मैं अपने पिता के साथ यहां आया था और बचपन से यहां रह रहा हूं। मुझे खुशी होगी अगर मेरी बेहतर जीवन जीने में सफल रहती है। (एजेंसियां)
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