कोर्ट ने एक डाक्टर दंपत्ति के बीच विवाह को लेकर उत्पन्न विवाद को सुलझाने के लिए अनूठी पहल की है। कोर्ट ने डॉक्टर पति-पत्नी को आपस में संपर्क बनाने के लिए सात दिन का समय दिया है। ओडिशा के बरहमपुर एसडीजेएम कोर्ट का निर्देश है कि दंपत्ति एक ही घर में रात गुजारें। आसिका चीनी उद्योग अतिथि गृह में दोनों के उनके परिवार से अलग रहने की व्यवस्था भी कर दी गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि इस बात की निगरानी करें कि दोनों साथ रह रहे हैं। इस दौरान दंपत्ति को अपने परिवार और किसी अन्य व्यक्ति से नहीं मिलना है। कोर्ट के निर्देश का अनुपालन शुरू हो गया है। आसिका अतिथि गृह में पति-पत्नी एक कमरा लेकर रह रहे हैं। आसिका थाना के थानेदार निगरानी में लगे हैं।
जानें, क्या है मामला
डॉक्टर डिंपल दास उर्फ तपस्विनी का कहना है कि सात दिसंबर, 2020 को डाक्टर सुमित के साथ उन्होंने कोर्ट मैरिज की। शादी के बाद छह महीने तक वह सुमित के पिता के घर में डिंपल बहू के रूप में रही। बाद में ससुराल वालों ने वैदिक रीति से विवाह करने का झूठा आश्वासन देकर डिंपल को उसके मायके भेज दिया। इसके बाद शादी की दो-दो तिथि निर्धारित की गई, मगर वैदिक रीति से विवाह नहीं हुआ। डिंपल ने ससुराल वालों से बात की तो वे टाल मटोल करने लगे। अंतत: बहू ससुर के बरहमपुर द्वितीय लेन स्थित घर के सामने धरने पर बैठ गई। रिश्तों में खटास आने लगी। विवाद अदालत पहुंचा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला दिया कि दंपत्ति साथ रहें। कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, पत्नी डिंपल का पूरा खर्च पति डा. सुमित को उठाना होगा। अदालत के फैसले के साथ ही ससुर ने भी डिंपल को बहू के रूप में स्वीकार कर लिया है। (एसजेएनएन)