चक्रवाती तूफान यास के दौरान ओडिशा में तीन सौ से अधिक बच्चों का जन्म हुआ। कई परिवारों ने बच्चों का नाम ‘यास’ रखा है। कुछ बच्चों का जन्म मंगलवार की रात हुआ जब चक्रवात यास ओडिशा की तरफ तेजी से बढ़ रहा था। वहीं, कई बच्चों का जन्म तब हुआ, जब यास बुधवार सुबह भद्रक जिले के धामरा में तट से टकराया।
बालासोर के पराखी क्षेत्र की निवासी सोनाली मैती ने कहा कि अपने बेटे के लिए वह यास से बेहतर नाम नहीं सोच सकती थीं। जिसका जन्म इसी चक्रवात के दौरान हुआ। इसी तरह, केंद्रपाड़ा जिले की सरस्वती बैरागी ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम चक्रवात के नाम पर रखा है। सरस्वती ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरी बेटी ने उस वक्त जन्म लिया जिसे सभी याद रखेंगे। मैंने इसीलिए उसका नाम यास रखा है।
चक्रवात को यास नाम ओमान ने दिया। यास एक पर्सियन शब्द है और अंग्रेजी में इसका मतलब जैस्मिन होता है। ओडिशा में हजारों गर्भवती महिलाओं को चक्रवात से प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था। इनमें से कुछ ने बहुउद्देश्यीय शरण स्थलों में बच्चों को जन्म दिया। सर्वाधिक प्रभावित इलाके बालासोर में 165 बच्चों का जन्म हुआ जिसमें 79 बालक व 86 बालिकाएं हैं। भद्रक में 60 बच्चों का जन्म हुआ। इसमें 23 बच्चे भगाना ब्लॉक में पैदा हुआ जिसके पास चक्रवात तट से टकराया। मयूरभंज में 66 बच्चों का जन्म हुआ। (एजेंसियां)
तूफान से तबाही, पीएम मोदी ने गुजरात को 1000 करोड़ रुपये की दी आर्थिक सहायता